आपका आज का वेद मंत्र
देहधर आ संत प्रभु धार बहा साधक को शक्तिशाली बनाता है| प्रभु धार बहा साधक को नियंत्रण कर दीप्त रूप बना अंतर ठहरा ब्रह्मज्ञानी बनाता है| नाद धार बहा साधक को स्वरूप दिखलाता है| अंतर विराजमान संत प्रभु धारा देता है|
देहधर आ संत प्रभु धार बहा साधक को शक्तिशाली बनाता है| प्रभु धार बहा साधक को नियंत्रण कर दीप्त रूप बना अंतर ठहरा ब्रह्मज्ञानी बनाता है| नाद धार बहा साधक को स्वरूप दिखलाता है| अंतर विराजमान संत प्रभु धारा देता है|