आपका आज का वेद मंत्र
नर नारायण रूप संत साधक को अंतर ला ठहराता है| अंतरश्रुत संत प्रभु धार बहा साधक को श्रेष्ठ रूप बनाता है| तृप्त संत प्रभु धार बहा दीप्त रूप बनाता है|
नर नारायण रूप संत साधक को अंतर ला ठहराता है| अंतरश्रुत संत प्रभु धार बहा साधक को श्रेष्ठ रूप बनाता है| तृप्त संत प्रभु धार बहा दीप्त रूप बनाता है|